राजेश पटेल, डूंगरपुर। मेला हमारी संस्कृति का हिस्सा है। गांवों में लगने वाले मेले में ग्रामीण संस्कृति का दर्शन होता है। बेणेश्वर व रथोत्सव के बाद नीलापानी मेले की पहचान बरसों से कायम है। परंपराओं पर आधारित यह मेला ऐतिहासिक है। देव दिवाली का यह मेला पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है। यहां तक कई प्रतियोगी परीक्षाओं में इस पर सवाल पूछा जा चुका है। वर्षभर साधु इस नीलापानी मेले के आने का इंतजार करते हैं। कई साधु पैदल चलकर यहां पहुंचते हैं। यहां चौदस को कुंड में स्नान के लिए…
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